Ujaale Ke Musahib
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Ujaale Ke Musahib (Hindi, Hardcover, Detha Vijaydaan)

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Ujaale Ke Musahib  (Hindi, Hardcover, Detha Vijaydaan)

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Highlights
  • Language: Hindi
  • Binding: Hardcover
  • Publisher: Vani Prakashan
  • Genre: Short Stories
  • ISBN: 9788126312450
  • Edition: 2nd, 2006
  • Pages: 228
Seller
VaniPrakashan
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  • Description
    उजाले के मुसाहिब - विजयदान देथा लोक-कहानियों की सूरत में कहानी बयान करते हैं और बीच में कहीं एक स्तर पर वह ऐसी बात कह जाते हैं कि कहानी का सारा आयाम बदल जाता है। यह उनके पास बहुत ख़ूबसूरत क्राफ्ट है। और यह सिर्फ़ क्राफ्ट ही नहीं है। इसके पीछे एक पूरी विचारधारा है, जो पुरानी बात कहते हुए भी कहानी को शाश्वत कर देती है—सारे समयों के लिए सच! —अमृता प्रीतम बिज्जी की कहानियों की बुनावट ऐसी कि बावरा मन बलिहार जाये, तेवर ऐसे कि जेटयुगीन आधुनिकता को शर्म आने लगे और प्रहार की क्षमता ऐसी कि अच्छी से अच्छी व्यंग्य-रचना भी धूल चाट जाये।... कुल मिलाकर आलम यह कि बिज्जी की कहानियों के हाथ में लोकतन्त्र की ऐसी लगाम है कि वे पाठकों को किसी भी दिशा में किसी भी गति से दौड़ा दें।—बलराम प्रस्तुत है प्रतिष्ठित कथाकार विजयदान देथा की मानवीय रागात्मकता में रची-बसी अनूठी कहानियों का नवीनतम संग्रह 'उजाले के मुसाहिब'।
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    Specifications
    Book Details
    Imprint
    • Vani Prakashan
    Publication Year
    • 2006
    Contributors
    Author Info
    • विजयदान देथा - जन्म: 1 सितम्बर, 1926, बोरुन्दा, जोधपुर। शिक्षा: जैतारण (पाली), बाड़मेर और जसवन्त कॉलेज, जोधपुर में। प्रकाशन: 'बाताँ री फुलवाड़ी (13 जिल्दों में) ; 'अलेखूँ हिटलर' (राजस्थानी कहानी-संग्रह); 'दुविधा व अन्य कहानियाँ', 'उलझन', 'सपनप्रिया', 'उजाले के मुसाहिब' (कहानी-संग्रह); 'त्रिवेणी' (तीन उपन्यासिकाएँ); 'उषा' (कविता संग्रह); 'रुख' (विविधा); 'राजस्थानी हिन्दी कहावत कोश', 'विजयदान देथा रचना संचयन' आदि। अनेक कहानियाँ हिन्दी, अंग्रेज़ी आदि भाषाओं में अनूदित। प्रेरणा, परम्परा, वाणी, रूपम, लोक संस्कृति पत्रिकाओं का सम्पादन। राजस्थानी लोकगीत (6 भाग) का संकलन-सम्पादन। साहित्य अकादेमी पुरस्कार, भारतीय भाषा परिषद् पुरस्कार, नाहर पुरस्कार, कथा पुरस्कार आदि से सम्मानित।
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