उथल-पुथल', आशीषकुमार 'कलमाशीष' की प्रथम प्रकाशित पुस्तक है जिसमें व्यक्ति के बाल्यकाल से युवावस्था की यात्रा में आने वाले उतार-चढ़ाव को काव्यबद्ध किया गया है। लेखक ने कविताओं को पुरुष दृष्टिकोण दिया है। पुस्तक का उद्देश्य पुरुषमन के आंतरिक द्वंद्व, संघर्ष एवं उनके समाधान को उजागर करना है न कि किसी की भावनाओं को आहत करना। कविताएं परिवार, प्रेम, मित्रता, एवं सामाजिक संबंधों पर भी प्रकाश डालती हैं और हर परिस्थिति में निरंतर लक्ष्यप्राप्ति की ओर बढ़ने की प्रेरणा एवं संदेश देती हैं।