अपनी कविताओ और नज्मो का संग्रह (गुल बहार के) में मैंने बहुत सरल शब्दों में जो पढ़ते हुए पढ़ने वालों के दिल में उतर सके और उन में एक अच्छा एहसास जगा सके की ऐसी कोशिशों की है... इसमे लिखे गये मेरे कलमात आप को शायरी की शक़्ल में जरूर पसंद आयेगे मेरे लिखे गए हर लफ्ज में एक हिन्दी और उर्दू का अनोखा मिश्रण भी पढ़ने वालों को अच्छा लगेगा.. मेरी शायरी एक आज़ाद शायरी है जो किसी भी रदीफ़ ओ काफिया की मोहताज नहीं और शायरी के जरिये मेरा पैगाम है के इंसान को सच की राह पर चलना चाहिए औऱ जो उसका फ़र्ज़ है जो उसकी ड्यूटी है उसे हर हाल में निभानी चाहिए और जिंदगी की छोटी छोटी खुशियो को बांटना चाहिए..खिलते हुए फूलों की तरह मुस्कुराना चाहिए हर हाल में शुक्र खुदा का करना चाहिए