प्यार कोई मामुली एहसास नहीं, बल्कि एक बहुत बड़ी तकत है जिसने धरती के हर तत्व को जोड़ा रखा है।
ये प्रकृति के हर तत्व में पाया जाता है, पेङों से लेकर पंक्षियो में, और जनवारो से लेकर मनुश्यों में। प्यार ऐसा एहसास है जिससे दिखाया नहीं, सिर्फ किसी मध्यम से दर्शाया जा सकता है और उसी का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है।
ये कोई मामुली प्रेम पुस्तक नहीं, बल्कि ये वो कवितायें है जिनमें प्रेम को प्रकृति के केई पहलूओं से दर्शाया गया है।
प्यार दो मनुश्यों को नी, बाल्की प्रकृति के दो अनमोल शक्तियों को जोड़ता है, जिसका जश्न तारे, नदी, झरने और हवाएं तक मनाते हैं।
इस पुस्तक में कविताओं के द्वारा प्यारे के हर एक अनुभव, हर एक एहसास और हर एक स्थिति को दर्शाने की भरपुर कोषिश की गई है, चाहे वो पहली बार मिलना, रूठना, दूर जाना, मनाना या अलग अलग तरीको से प्यार जताना हो।