इस पुस्तक में मुंशीजी की प्रारंभिक रचनाएं ‘हमखुर्मा व हमसवाब’, ‘असरारे-मआबिद’ अर्थात देवस्थान रहस्य, ‘प्रेमा’ अर्थात दो सखियों का विवाह और ‘रूठी रानी’ एक साथ मौजूद हैं। इन रचनाओं में जहां एक ओर समाज में व्याप्त कुरीतियों एवं विषमताओं पर करारा प्रहार किया गया है, वहीं दूसरी ओर भारतीय जन-जीवन की अस्मिता की खोज भी की गई है।